खरी खरी…… महू विधानसभा -गुटबाजी फिर कांग्रेस को ले डूबेगी
दिनेश राठौर. महू l विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में मध्य प्रदेश में होना है राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा भी शुरू कर दी गई है डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली विधानसभा क्रमांक 209 डॉ. अंबेडकर नगर महू का इतिहास रहा है की गुटबाजी यहां हर पार्टी को भारी पड़ी है l भाजपा के कद्दावर नेता दिवंगत स्व. श्री भेरुलाल पाटीदार को भी एक ग्रामीण नेता की गुटबाजी के चलते पराजय का सामना करना पड़ा था और उस दौरान भाजपा की सरकार बन गई यही स्थिति कांग्रेस के साथ पूर्व में भी होती आई है और इस विधानसभा चुनाव में भी होना है कांग्रेस के बाहरी नेताओं के कारण इस विधानसभा में गुटबाजी तेजी से बढ़ रही है इसमें कांग्रेस के जिले के वरिष्ठ नेता से लेकर स्थानीय नेता जो प्रदेश में भी अपना स्थान रखते हैं भी इसको बढ़ावा दे रहे हैं और नतीजा यह रहेगा की इस चुनाव में भी कांग्रेस डॉ अंबेडकर नगर महू विधानसभा से जीत से कोसों दूर रह सकती है यही कारण है कि यहां पर दावेदारों की संख्या दर्जन भर पहुंच गई है वहीं दूसरी और भाजपा पार्टी दूसरी सूची में महू का उम्मीदवार घोषित कर सकती है इसमें वर्तमान में एकमात्र नाम विधायक सुश्री ऊषा ठाकुर का ही चल रहा है अगर स्थानीय का मुद्दा दमदारी से नहीं रखा गया तो मंत्री उषा ठाकुर ही महू से लड़ेगी और कांग्रेस की गूटबाजी का फायदा भाजपा को मिलेगा विधानसभा में ढाई लाख से अधिक मतदाता हो गए हैं हार जीत का अंतर 6 से 10 हजार के बीच पिछले तीन चुनाव में रहा है यहां पर जातिगत समीकरण देखे जाए तो उम्मीदवार उस हिसाब से तई नहीं होते ऊपर से ही थोपे जाते हैं इसका करण कार्यकर्ताओं की कमजोरी रहा है जो केवल दबी जुबान ही विरोध करते हैं सामने खुलकर नहीं आते यह दोनों पार्टियों में लागू होता है यहां का कार्यकर्ता थोड़े से लालच में ही अपना जमीर खोकर फिर 5 साल तक पछताते रहता है यहां पर ब्राह्मण ठाकुर पाटीदार खाती एवं अन्य पिछड़े वर्ग के साथ आदिवासी’, बलाई मालवी अजा वर्ग , एवं मुस्लिम समाज का मतदाता है जो कि अपने-अपने क्षेत्र में हार जीत का फैसला करने में सक्षम है l वर्तमान में दो नगर पंचायत मानपुर एवं महू गांव भाजपा के कब्जे में है एवं कोदरिया गुर्जर खेड़ा हरसोला दतोदा सिमरोल ग्राम पंचायत विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भाजपा के वर्चस्व वाली है इन सभी जगह पर कांग्रेस वोटो में बटी हुई है जिसका फायदा हमेशा भाजपा को मिलता आया है और इस बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी तेजी से बड़ी है अगर कांग्रेस एक नहीं हुई तो उसका परिणाम चुनाव नतीजे में देखने को मिलेगा l