महू – महामहीम राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार को पत्र लिखकर संजय शर्मा मामा एडवोकेट कार्यकारी जिलाध्यक्ष किसान कांग्रेस इंदौर ने ध्यानाकर्षण कर निवेदन किया कि,भारत कृषि प्रधान होकर किसान देश कि अर्थव्यवस्था कि रीढ़ कि हड्डी है। देश कि वर्तमान सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात कर लगाकर किसानो के साथ अन्याय किया है। किसानो के द्वारा संग्रहित किये प्याज पर 40% निर्यात कर लगाया है। जिसके कारण प्याज संग्रहण करने वाले किसानो को भारी नुकसान होगा।
किसानो ने प्याज संग्रहण हेतू गोदामो का निर्माण कर प्याज का संग्रहण किया है जिसका रखरखाव भी खर्चीला होता है, किसानो कि फसलो के दाम जब उत्पादन होता तब कम हो जाते या उतार-चढ़ाव के होते है जिससे किसानो को भारी नुकसान होता है, जब किसानो कि उपज व्यापारियों के गोदामों में जाती है फिर तेजी आती है जिसका लाभ व्यापारीयो को होता है किसानो को नही होता है, किसानो कि फसलो कि एमएसपी अनिवार्य रूप से तय होना जरूरी है।
माननीय महामहीम महोदया से निवेदन किया है कि किसानो के हालात को समझते हुए, किसानो के हित में तत्काल प्रभाव से प्याज पर लगाये 40% निर्यात कर को हटाकर किसानो कि फसलो का सर्मथन मूल्य घोषित किया जाए, जब तक किसान सक्षम नही होगा तब तक देश आर्थिक शक्ति नही बन सकेगा। प्याज का समर्थन मूल्य 25 रुपये किलोग्राम व आलू का समर्थन मूल्य 15 रूपये किलोग्राम सहित किसानो कि समस्त फसलो कि एमएसपी तय करने बाबद निर्देश देश कि नरेंद्र मोदीजी कि सरकार को दिये जाने का निवेदन किया है। उक्त पत्र कि प्रति मंगलवार 22 अगस्त को भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथजी को सौंपकर किसानो कि समस्या से अवगत करवाकर,किसानो के हित में निर्णय लेने का निवेदन किया,इस अवसर पर किसान नेतागण सुभाष पटवारी, रवि पटेल आंजना,सुनील यादव भी उपस्थित थे।
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