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भागवत कथा के समापन पर बोली सुश्री जया किशोरी -हम तो जाते अपने गांव सबको राम राम.. अंतिम दिन उमड़ा जनसैलाब

दिनेश राठौर.         महू, lदेवी अहिल्याबाई होलकर खेल परिसर महू पर विगत दिनों से चल रही भागवत कथा के अंतिम सातवें दिन विश्व प्रसिद्ध सुश्री जया किशोरी जी द्वारा पूजा अर्चना कर व्यासपीठ को हाथ जोड़े जाकर आज की भागवत शुभारंभ किया गया जिसमें आयोजक जीतू ठाकुर एवं श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ की आरती की
किशोरी जी ने अपनी कथा में कहा कि जो भगवान के साथ हो जाता है उसके जीवन में दुख तकलीफ नहीं होती है खुशहाली आ जाती है और यह सरल शब्दों में यू कहा जहां धर्म है वहां कृष्ण है और जहां कृष्ण है वहां धर्म है भगवान सदेव सबको रास्ता दिखाते हैं जीवन में जब कोई कार्य करने जाते हैं तब आवाज आती है कार्य गलत है किंतु संसार कहता है जो कर रहे हो करते रहो ठीक है भगवान ने चार वर्ण बनाए हैं
ब्राह्मण- सभी को शिक्षा दें समाज में शिक्षा की कमी नहीं हो
क्षत्रिय- जिसे शक्ति रक्षा करना है
वैश्य- धन का संचार सबके लिए करना
शूद्र- जो सेवा करें सब की होना चाहिए
यमराज की कहानी बताई गई यमराज एक 32 वर्ष के युवा को लेने गए युवा ने कहा मेरा बहुत काम है कैसे ले जाओगे चाय पीने की आदत है मैं भी और आप भी चाय पिए चाय में नींद की गोली मिला दी यमराज गहरी नींद में सो गए युवा ने सूची निकाली और अपना नाम नीचे लिख दिया जब यमराज की नींद खुली तो यमराज ने कहा जहां भी मैं जाता हूं लोग मुझे बुरा बुरा कहते हैं आपने इतना अच्छा व्यवहार मेरे साथ किया है चलो मैं नीचे से सूची का कार्य करना चालू करता हूं इसलिए भगवान कहते हैं तू करता वही है जो तू चाहता है होता वही है जो मैं चाहता हूं
प्रेम को समझाते हुए कहा कि निस्वार्थ प्रेम करो जो जीवन भर चलता है स्वार्थ पूर्ण किया गया प्रेम स्वार्थ पूर्ण होने पर स्वयं समाप्त हो जाता है
भगवान ने आपके घर दिया परिवार दिया कि आप सुखी रहें किंतु आपने अपने स्वयं को दुखी बना लिया दूसरों को देखकर जीवन में दिखावा ना करें इसकी सीख दी गई
आप शिक्षा तो देते ही हैं किंतु शिक्षा के बाद भी गलत कार्य होते हैं अतः बच्चों में संस्कार देना चाहिए बच्चों की गलत जिद पूरी नहीं करना चाहिए कुछ समय रोएगा किंतु संस्कार नहीं देंगे तो जिंदगी भर रोएगा क्योंकि बच्चों को गलत सही का ज्ञान नहीं होता संस्कार देकर आप बच्चे को ही नहीं आने वाले समाज को भी मजबूत करते हैं
आज जरासंध, सुदामा के प्रसंग अपने मन को आनंदित कर दिया
आज भागवत कथा के प्रारंभ में जय जय राधारमण हरिओम, सबसे ऊंची प्रेम सगाई, अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो, श्याम प्यारे से जिसका संबंध है मीठे रस से भरी, जैसे अनेक भजनों को मनमोहक संगीत के साथ सुनकर पंडाल में उपस्थित महिलाएं अपने आप को रोक नहीं सकी झूम झूम के भाव विभोर हो गई
जया किशोरी जी ने भजन संगीत के साथ विदाई लेते हुए गीत गाया हम तो जाते अपने गांव सबको राम-राम राम
आज अंतिम दिन पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन धर्मपुरी के विधायक पांचूलाल मेढा सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष योगेश यादव उपस्थित थे इनका स्वागत भागवत कथा के संयोजक जीतू ठाकुर द्वारा किया गया एवं आरती की जाकर सभी भक्तजनों का एवं भागवत कथा के सहयोगियों का आभार माना गया

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