
महू के जंगल में बाघ द्वारा मानव शिकार
. दिनेश राठौर….मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू वन परी क्षेत्र में राष्ट्रीय पशु बाघ द्वारा मानव शिकार की घटना हुई है जिसके बाद घर से लेकर राजधानी तक वन विभाग विभाग में हलचल मच गई है l. यह घटनाक्रम मलेंडी के जंगल मैं हुआ जहां बकरी चराने गया सुंदरलाल बाघ का शिकार बन गया वन विभाग के रेंजर से लेकर डीएफओ जंगल में कैंप डाले हुए हे श्री विधायक एवं मंत्री ने भी घटना की जानकारी लेकर दिशा निर्देश जारी किए बाघ द्वारा मानव भक्षण की घटनाये आम तौर पर उसी हालात में होती है जब बाघ वन्य प्राणियो का शिकार करने में असमर्थ हो जाय इस परिस्थिति में भी आम तौर पर बाघ पालतू पशुओ के शिकार तक ही सीमित रहता है लेकिन इस दौरान उसे यदि मनुष्य के शिकार का आसान अवसर प्राप्त हो जाय तो फ़िर बाघ अक्सर केवल मनुष्य के शिकार का आदी हो जाता है।
बाघ एक मांसाहारी जानवर है, जो रात को शिकार करता है हालांकि, दिन में सोता है। बाघ बहुत ही मजबूत और ताकतवर शरीर रखता है, जिसकी सहायता से ये बहुत ऊँचाई तक (लगभग 7 फिट तक) छलांग सकता है और बहुत अधिक दूरी तक (लगभग 85 किलो/घंटा की रफ्तार से) दौड़ सकता है। एक महीने से हलचल .. महू वन परीक्षेत्र मैं विगत 1 माह से पहले बाघ फिर तेंदुए की हलचल मची हुई है 10 दिन पूर्व भी गांगलिया खेड़ी गांव में 11 बकरियां तेंदुए का शिकार हुई थी वही गाय बेल भी पशुओं का शिकार बने थे l *जंगल में शिकार का अभाव … वन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने चर्चा में बताया कि महू एवं चोरल के जंगलों में हिरण चीतल जानवरों का अभाव होने के चलते मवेशी इन जानवरों का शिकार बन रहे हैं इस और वन विभाग का ध्यान नहीं जाता गौरतलब है कि महू के जंगलों में हिरण खरगोश आदि जानवरों का शिकार लोग करते आए हैं इन मामलों में प्रकरण भी चल रहे हैं वही जंगलों का सफाया भी तेजी से हुआ l.
