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दुधारू पशुओं के आहार पर ध्यान दें

*गर्भावस्था के अंतिम काल में दुधारू पशुओं के आहार पर विशेष ध्यान दे – डॉ जैन
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीण
आज पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, महू के पशु वैज्ञानिकों का एक दल दुधारू पशुओं में व्याप्त प्रजनन एवं उत्पादन रोगों की रोकथाम के गुर समझाने ग्राम बीजलपुर पहुंचा। इस दल के प्रमुख वरिष्ठ पशु पोषण विशेषज्ञ डॉ रविंद्र कुमार जैन ने बताया कि पशुओं में उपरोक्त ज्यादातर समस्याओं का मूल कारण, गर्भावस्था के अंतिम काल (आखरी के 2-3 माह) में कुपोषण का होना पाया गया है। अतः इस अवस्था में पशुपालक गण पोषण पर विशेष ध्यान दे तथा पशु आहार में विटामिन युक्त खनिज मिश्रण का समावेश अवश्य करे। डॉ अशोक पाटिल ने कहा की एक लंबे अनुसंधान के उपरांत क्षेत्र की पोषण पद्धति पर आधारित सूक्ष्म पोषक तत्वों का मिश्रण महाविद्यालय में तैयार किया जा रहा, जिसके उपयोग से दुधारू पशुओं को पोषको की अल्पता से संबंधित जनन एवं अन्य रोगों से बचाया जा सकता है। डॉ आशीष सोनी ने गायों एवं भैंसों में काले पेशाब की समस्या के कारण एवं निवारण पर प्रकाश डाला। यह पशुपालक जागरूकता अभियान पशुपालकों के हितार्थ मंडी बोर्ड द्वारा पोषित परियोजना अंतर्गत प्रो. डॉ. सीता प्रसाद तिवारी, कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के मार्गदर्शन एवं अधिष्ठाता डॉ ब्रह्म प्रकाश शुक्ला के निर्देशन में चलाया जा रहा। प्रशिक्षण में 46 पशु पालक शामिल हुए, उन्हे पशु पोषण से संबंधित पुस्तिका *पशु पोषण मार्गदर्शिका* निशुल्क वितरित की गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी ऋषि देसाई, डॉ रमेश अलेरिया, डॉ संजय वर्मा तथा कारगिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सराहनीय योगदान रहा। आगामी शनिवार को शिविर ग्राम रंगवासा में आयोजित होगा।

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