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जीरे पर महंगाई की मार


 (दिनेश राठौर )       महंगाई ने खाने का जायका बिगाड़ दिया है। इस बार दाल और सरसों का तेल नहीं तड़का लगाने वाला जीरा महंगा हुआ है। स्थिति यह है कि तीन माह में 200 रुपये बढ़कर जीरा 600 रुपये तक पहुंच गया है। इससे किचन का बजट बिगड़ने लगा है।

जीरे की कीमत में यह उछाल पिछले आठ महीने से लगातार जारी है। किराना व्यवसायियों के अनुसार शुरुआती दौर में बढ़ोतरी 20 से 30 रुपये तक की थी जो
आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले गुजरात में 22 प्रतिशत और राजस्थान में 20 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इसका मुख्य कारण खराब फसल है। मौसम और अन्य कारणों से फसल की पैदावार में आई गिरावट के कारण जीरे के दाम आसमान छू रहे हैं।
वहीं देश के साथ ही विदेशों में जीरे की मांग का बढ़ना भी इसका कारण है। इससे जीरे का स्टॉक कम पड़ गया है। इसलिए मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं होने से जीरे की कीमत दिनोंदिन नई ऊंचाई छू रहा है। हाल के दिनों में राजस्थान में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई जिससे जीरे की नई खेप प्रभावित हुई है। मंडियों में आवक घटने से इसके दाम में उछाल देखा जा रहा है।
सौंफ का भी स्वाद महंगाई ने बिगाड़ा
जीरे के साथ सौंफ पर भी महंगाई की मार नजर आ रही है। सौंफ की कीमत में उछाल का कारण फसल खराब होना बताया जा रहा है। किराना व्यवसायी बंटी महेश्वरी ने बताया कि चंद महीनों में सौंफ की कीमत में लगभग 120 रुपये का इजाफा दर्ज किया गया है। तीन महीने पहले 180 रुपये बिकने वाली सौंफ 300 रुपये हो गई है।

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